अल्लाह से मांगी गुनाहों की माफी

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अंजानशहीद आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शब-ए-बारात का त्योहार मंगलवार को पूरी रात इबादत कर मनाया गया। घर में औरतें और मस्जिदों में पुरुषों ने इबादत करते हुए पूरी रात गुजारी। शब-ए-बारात की इस रात को सभी रातों से बेहतर माना जाता है। इस दिन अल्लाह सच्चे दिल से मांगी गई माफी को कबूल कर उसके गुनाहों को माफ कर देता है।
सगड़ी क्षेत्र में शब-ए-बारात और होलिका दहन का त्योहार मंगलवार की रात को पड़ने के कारण सगड़ी प्रशासन व जीयनपुर कोतवाली पुलिस अलर्ट रही। वहीं रात में शबे-ए-बारात के त्योहार को सकुशल संपन्न कराया। इस दिन लोगों ने अपने परिजनों के नाम फातिहा कराया और उनके गुनाहों की माफी के लिए उनके कब्रिस्तान पर जाकर दुआ मांगी। इसके साथ ही जीयनपुर के बाज़ार खास, आजाद नगर, व कुरैश नगर व समता नगर में कब्रिस्तानो को लाइटों से सजाया गया था। जिन कब्रिस्तानों में जिनके परिजन दफन थे वहां जाकर उनकी मगफिरत के लिए दुआ मांगी। अपने-अपने परिजनों की कब्रिस्तान और शहीदों की मजार से आने के बाद पूरी रात महिलाओं ने जहां घरों में रहकर इबादत किया। वहीं पुरुष और बच्चे मस्जिदों में इबादत कर पूरी रात गुजारी। इस दिन मुसलमान सारी रात जागकर अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगे और इबादत करते रहे। कहा जाता है कि सच्चे दिल से मांगी गई माफी इस रात को अल्लाह कबूल कर लेता है। शब-ए-बारात में इबादत करने वालों पर खुदा की रहमत रहती है। इस दिन हलआ सहित अन्य पकवान बनाकर अपने परिजनों के नाम फातिहा कराया गया। शाबान महीने की 14वीं की रात में खुदा आसमान और दुनिया के बीच आकर कहता है, कि है कोई बंदा जो अपनी मुश्किलों से निजात मांगता है। मैं उसको निजात दूं। यह रात सभी रातों में बेहतर है। इस दिन पूरी रात इबादत की गई। शाबान का महीना रहमतों और बरकतों का महीना कहा गया है।
रिपोर्ट-फहद खान

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