आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ व संजीव शुक्ला जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में सोमवार को सौरभ सक्सेना अपर जनपद न्यायाधीश, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला कारागार का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान बैरकों का निरीक्षण कर, बन्दियों से वार्ता की गयी। वार्तालाप के दौरान लीगल एड क्लीनिक कारागार, आजमगढ़ में रजिस्टर व अन्य अभिलेख में प्रविष्टिया दर्ज पायी गयी।
सर्वप्रथम विशेष सुरक्षा बैरक निरीक्षण के दौरान बैरक में बन्द बन्दी किरामतुल्ला द्वारा बताया गया कि उसकी जमानत हो चुकी है, परन्तु जमानतदार नहीं हैं, जिस पर जेल अधिकारीगण को निर्देशित किया गया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी गाइडलाईन के अनुसार उक्त बन्दी के मामले का निस्तारण करायें। बन्दी श्रवन यादव व रियाज हुसैन द्वारा बताया गया कि उनकी पेशी सम्बन्धित न्यायालय में नहीं हो पा रही है, जिस पर जेल अधिकारीगण को निर्देशित किया गया कि वे बन्दी के लिए प्रतिसार निरीक्षक उपलब्ध करायें। निरीक्षण के दौरान चिकित्सा बैरक का निरीक्षण किया गया, जिसमें 2 डॉक्टर उपस्थित मिले। महिला बन्दियों द्वारा आँख की समस्या व बुखार से पीड़ित होने की समस्या से अवगत कराया गया। इस मौके पर जेलर विकास कटियार, जेलर रामनरेश गौतम, डिप्टी जेलर, चीफ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, डिप्टी चीफ एड डिफेन्स काउन्सिल, जेल के अन्य कर्मचारी व विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार