पवित्र ग्रन्थ रामचरित मानस पर टिप्पणी निंदनीय- योगी रामानंद दास

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मध्य प्रदेश प्रांत के दिलेरी धाम से पधारे साकेत पीठाधीश्वर योगी रामानंद दास जी महाराज का नगर के बेलईसा के पास श्रद्धालुजनों द्वारा भव्य स्वागत किया गया।
श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए योगी रामांनद दास ने कहा कि सनातन धर्मावलम्बियों के सबसे लोकप्रिय ग्रन्थ रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों को विवादास्पद बताया जाना निंदनीय है। ऐसे चंद लोगो द्वारा यह समझने की कोशिश नहीं की गई है कि किस भाव, किस परिवेश, किस स्थान, किन कारणों से उक्त पंक्तियां उल्लेखित की गई है। उन्होंने कहाकि गोस्वामी ने श्रीरामचरित मानस में देव, मानव, दनुज, सज्जन, किन्नर, खल सबकी वंदना की है, ऐसे लोगों का ध्यान इन पंक्तियों की तरफ क्यों नही जाता। जिससे साफ है कि ऐसे लोग कुतर्क कर समाज में विद्वेष पैदा करने की कोशिश कर रहे है।
उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि ऐसे लोग की टिप्पणियों को नजर अंदाज करें और भगवत भक्ति में लीन होकर अपने जीवन को सफल बनावें क्योंकि मानसिक क्लेश, अशांति से मुक्ति सनातन धर्म में बताए गए योग व भक्ति मार्ग से ही मिल सकती है।
इसके बाद उन्होंने हठ योग की चर्चा करते हुए बताया कि सूर्य और चन्द्र नाड़ी का मिलन ही हठ योग कहलाता है। जब सूर्य नाड़ी और चन्द्र नाड़ी सक्रिय होती है तभी कुण्डलिनी शक्ति जागृत होती है। पंतजलि योग सूत्र में भी समाधि के लिए योग कहा गया है। आगे उन्होंने कहाकि र्निविकार अवस्था में ही ध्यान की झलक मानव को मिल सकती है। इस अवसर पर पंडित सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन, साहित्यकार संजय कुमार पांडेय, ऋषिकेश राय, अनिल सिंह, आर पी राय, वशिष्ठ नारायण सिंह, महंत संजय पांडेय, शाश्वत राय, प्रज्जवल राय, नीरज राय, आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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