आवास के लिए भटक रहा पात्र, नहीं हो रही सुनवाई

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रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय ब्लाक क्षेत्र में आवास योजना मनमानी की भेंट चढ गयी है। क्षेत्र के अनौरा निवासी दिव्यांग दंम्पति आवास के लिए चक्कर काट रहे हैं। ये सरकारी महकमे मे आवास के पात्र नहीं नजर आ रहे हैं।
शासन द्वारा गरीब असहायों के लिए आवास योजना संचालित किया जा रहा है। इसके तहत पंचायत स्तर से ही सूची बनाकर भेजने के बाद सेक्रेटरी द्वारा सत्यापन किया जाता है। सेक्रटरी की नजर में पात्र दिख गये तो ठीक अन्यथा अपात्र बनकर चक्कर काटते रहिए। कमोवेश स्थिति व्लाक के अधिकांश गावों की है। आवास के लिए पात्र सेक्रेटरी की परिक्रमा कर रहे हैं। क्षेत्र के अनौरा निवासी रामबिलास राम स्वयं भी और पत्नी भी दिव्यांग हैं। प्लास्टिक डालकर जीवन यापन करते हैं। लंबे समय से आवास की उम्मीद लगाये हैं लेकिन फरियाद ग्राम प्रधान से आगे नहीं बढ रही है। इस बार भी सत्यापन के लिए ब्लाक कर्मी गये तो यह कह कर इंकार किया कि एक दीवार पक्की है जबकि यह दीवार भाईयों के बटवारे में तत्कालीन ज्वांइट मजिस्ट्रेट गौरव कुमार के निर्देश पर लेखपाल द्वारा बटवारे के बाद खड़ी की गयी थी जिससे आपस में विवाद भविष्य में न हो। पीड़ित गुहार लगाता रहा लेकिन मौके पर उसे अपात्र कहा गया। जबकि इसी गांव में आवास का भौतिक सत्यापन सही ढंग से हो जाय तो मनमानी की पोल खुल सकती है। पीड़ित अब जिलाधिकारी के यहां पत्रक भेज कर गुहार लगाई है।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा

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