विंध्याचल थाने में दी तहरीर, बोले- समाज को तोड़ना चाहते हैं भागवत
मीरजापुर (सृष्टि मीडिया)। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के पंडितों के खिलाफ दिये गये बयान से खफा श्रीविंध्य पंडा समाज ने विंध्याचल थाने में तहरीर दी है। समाज के लोगों को कहना है कि धर्म और हिंदू समाज को तोड़ने के लिए दिये गये बयान से मान, सम्मान और स्वाभिमान को गहरा आघात लगा है। पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक ने कहा कि जब जाति व्यवस्था ही नहीं थी, तो ब्राह्मण समाज पर आरोप लगाना सामाजिक विद्वेष फैलाना है। गलत बयानबाजी कर समाज को तोड़ने का काम किया गया है। इसकी जितनी निंदा की जाय वह कम है। राजन पाठक ने कहा कि समाज के निर्माण में हर वर्ग का अपना महत्व है। जाति व्यवस्था के लिए ब्राह्मण समाज को जिम्मेदार ठहराया जाना कहीं से भी शास्त्र सम्मत नहीं है।
अनादि काल से चली आ रही है वर्ण व्यवस्था
आरएसएस प्रमुख ने ओछी राजनीति से प्रेरित होकर समाज को तोड़ने का काम किया है। यह बयान धर्म के साथ ही हिंदू समाज पर किया गया कुठाराघात है। कहा कि वर्ण व्यवस्था अनादि काल से चली आ रही है। आरएसएस प्रमुख के अनुसार इसे ब्राह्मणों ने बनाया है। कहा कि कर्म के अनुसार जाति बनी। लेकिन मोहन भागवत ने इसके लिए ब्राह्मणों को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि हर युग में जातीय व्यवस्था रही है। जिसे स्वीकार करने के बजाय किसी वर्ग विशेष पर थोपना स्वार्थ के सामाजिक विद्वेष फैलाने का षड्यंत्र है। विंध्याचल थाना में राजन पाठक नेतृत्व में पत्र सौंपने वालों में जनार्दन प्रसाद पांडेय, संगीता तिवारी, राजनाथ दुबे एवं जगदीश प्रसाद आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।