आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। साइबर क्राइम की घटनाओं पर लगाम लगने का नाम नहीं ले रहा है, लेकिन सुखद यह कि जागरूक लोग शिकायत दर्ज करा रहे हैं, तो पुलिस उन्हें राहत भी दिला रही है। विदेश में रहने वाले दोस्त की फर्जी आइडी से फेसबुक पर मांगी गई 80 हजार की राशि देने के बाद ठगी का अहसास तब हुआ, जब असली दोस्त से बात हो गई। उसके बाद पीड़ित ने साइबर थाने का सहारा लिया, तो उसका पूरा धन वापस हो गया।
मामला निजामाबाद थाना क्षेत्र से जुड़ा है। मो. सारीब के फेसबुक पेज पर विदेश में नौकरी करने वाले उसके दोस्त के नाम की फेसबुक आइडी से मैसेज आया कि हमारा वीजा एक्सपायर हो गया है और इमिग्रेशन वालों ने पकड़ लिया है। तत्काल 80 हजार रुपये चाहिए, जिसे देकर वीजा रिनुवल करा सकता हूं, नहीं तो जेल भेज दिया जाएगा। इसके लिए मात्र एक घंटा है। मुझे 80 हजार दे दो, मैं तुम्हे वापस कर दूंगा। इस पर आवेदक ने जल्दबाजी में फ़ेसबुक के माध्यम से भेजे गए क्यूआर कोड पर स्कैन करके पैसे भेज दिया। उसके बाद जब आवेदक ने अपने दोस्त से आईएमओ ऐप पर वार्ता किया तो ज्ञात हुआ कि उसको वीजा संबंधित कोई समस्या नहीं हुई थी। किसी ने फेक आइडी बनाकर बात की है। दोस्त ने बताया कि तुम्हारे साथ साइबर फ्राड हो गया है।
इसकी सूचना आवेदक ने साइबर सेल में दी, तो साइबर सेल द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए आवेदक द्वारा भेजे गए पैसे के बेनिफिसरी खाते को ट्रैक करते हुए तत्काल संबंधित खाते के लेन-देन पर रोक लगवा दिया गया। उसके पश्चात संबंधित बैंक से संपर्क कर आवेदक का पूरा पैसा वापस कराया गया। इस कार्रवाई में मुख्य आरक्षी ओमप्रकाश जायसवाल, मुकेश भारती, आरक्षी सतेन्द्र यादव व राहुल सिंह का योगदान रहा।
रिपोर्ट-सुबास लाल