आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सरयू नदी की लहरे लगातार लौटने लगी हैं, लेकिन इस बीच दो दिनों में तीन बैराजों से छोड़े गए 5,10,429 क्यूसेक पानी ने बाढ़ के लौटने का डर भी पैदा कर दिया है। आठ जुलाई से पानी छोड़ने का क्रम शुरू हुआ था। बीच में 18वें दिन 25 जुलाई और 55वें दिन एक सितंबर को पानी नहीं छोड़ा गया। फिर दो सितंबर को 56वें दिन 2,21,259 व 57वें दिन मंगलवार को 2,89,170 क्यूसेक पानी छोड़ने से जलस्तर में एक बार फिर वृद्धि की आशंका बढ़ गई है। वैसे जानकार ग्रामीणों का कहना है कि लगातार कई दिनों तक तीन लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ने से ही समस्या आएगी, वरना इतने पानी से मामूली अंतर ही आ सकता है। जलस्तर में घटाव के क्रम में सातवें दिन सोमवार को खतरा निशान 71.68 मीटर से 55 सेमी नीचे 71.13 मीटर, जबकि आठवें दिन मंगलवार को 66 सेमी कम 71.02 मीटर रिकार्ड किया गया। इस प्रकार जलस्तर में 24 घंटे के अंदर 11 सेमी की कमी दर्ज की गई है।
इस बीच निचले हिस्सों में जलजमाव के कारण दुर्गंध उठने लगी है तो मच्छरों के कारण संक्रामक बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगा है, जिससे लोग परेशान हैं। पानी कम होने के साथ देवारा खास राजा ग्राम सभा के झगरहवा, बगहवा, बासू का पुरवा के बाद परसिया में भी मंद गति से कटान शुरू हो गई थी। दूसरी ओर खेतों में अभी भी पानी होने के कारण हरे चारे की समस्या बरकरार है। जिनका खेत ग्रामीण महुला-गढ़वल बंधे के दक्षिण में भी है वह लोग पांच-छह किलोमीटर की दूरी तय करके पशुओं के लिए हरा चारा लेकर घर जा रहे हैं। हालांकि, जलस्तर में तीन महीने उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए प्रशासन अलर्ट है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार