सहबदिया गांव की 40 एकड़ कृषि भूमि सरयू नदी की धारा में विलीन

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जलस्तर में उतार-चढ़ाव के क्रम में आठवीं बार उफनाई सरयू नदी की लहरें चौथे दिन रविवार से लौटनी शुरू हुईं, तो मंगलवार को भी यह क्रम बना रहा। 24 घंटे के अंदर जलस्तर में नौ सेमी की कमी दर्ज की गई, जो खतरा निशान 71.68 मीटर से 56 सेमी नीचे रहा। जलस्तर घटने के साथ चार गांवों झगरहवा, बगहवा, बासू का पुरा, परसिया में कटान थमने से राहत महसूस की जा रही है, तो सहबदिया में नदी की लहरें तबाही मचा रही है। राजीव पटेल, प्रेमा भास्कर, रामजन्म पटेल, रविंद्र पटेल, पुरुषोत्तम, रामहंस, अवधेश, ओमप्रकाश, अकालू, महाबल, रामलाल, भजुराम, हरिराम, योगेंद्र, सत्यनरायन, पप्पू, राजकुमार सहित 25 लोगों ने बताया कि अब तक 40 से 50 एकड़ कृषि भूमि नदी की धारा में समा चुकी है, तो कई पेड़ भी उखड़कर बह चुके है। प्रशासन की ओर से अभी तक नुकसान का सर्वे शुरू नहीं किया गया है। यहां कई अन्य गांवों के लोगों की भी भूमि है।
दूसरी ओर गांवों के रास्ते से पानी भी हट गया है, लेकिन आसपास के निचले हिस्से में जलजमाव के कारण परेशानी बनी हुई है। इस बीच तीन बैराजों से 64वें दिन भी छोड़े गए 2,11,536 क्यूसेक पानी से बाढ़ का संकट पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है।
क्षेत्र के लोगों का मानना है कि लगातार कई दिनों तक ढाई लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ने पर बाढ़ की संभावना बनी रहती है। पानी कम होने के बाद भी आसपास खेतों में पानी होने के कारण पशुओं के लिए हरे चारे का संकट बरकरार है। मुख्य माप स्थल बदरहुआ नाले के पास मंगलवार को जलस्तर खतरा निशान से 56 सेमी नीचे 71.12 मीटर दर्ज किया गया। सोमवार को यहां का जलस्तर 71.21 मीटर रिकार्ड किया गया था। हालांकि, जलस्तर में तीन महीने उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए प्रशासन अलर्ट है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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