सरयू नदी की धारा में अब तक विलीन हुई 22 बीघा भूमि, पूरा सर्वे अभी बाकी

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सगड़ी तहसील के उत्तरी क्षेत्र देवारा में बहने वाली सरयू नदी की लहरों के लौटने की रफ्तार मंगलवार को भी काफी मंद हो गई। 24 घंटे में मात्र 12 सेमी की कमी दर्ज की गई, जबकि सोमवार को 16 सेमी पानी कम हुआ था। जलस्तर कम होने के साथ कटान से हुए नुकसान का सर्वे कराने में प्रशासन जुट गया है। मंगलवार को हुए सर्वे में सहबदिया और परसिया में अब तक हुए सर्वे में लगभग 12 तो झगरहवा, बासू का पुरवा और बगहवा में लगभग 10 बीघा भूमि के नदी की धारा में विलीन होने की बात कही गई है, जबकि जहां अभी पूरी तरह से पानी नहीं हटा है वहां की भूमि का सर्वे होना बाकी है। अभी भी झगरहवा, बगहवा, बासू का पूरा और सहबदिया में कटान होने से कृषि भूमि नदी की धारा में समा रही है।
गांवों के रास्तों से पानी हटने के साथ सभी स्थानों पर नाव का संचालन भी बंद करा दिया गया है। फिर भी रास्तों पर कीचड़ और आसपास जलजमाव से मुश्किलें समाप्त नहीं हुई हैं। कारण कि कीचड़ के कारण दुर्गंध जो पानी जमा होने के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। अभी तक प्रशासन की ओर से दवाओं का छिड़काव शुरू नहीं किया गया है। मुख्य गेज स्थल बदरहुआ नाले के पास खतरा निशान 71.68 मीटर है। सोमवार को 70.62 मीटर रिकार्ड किया गया, जबकि मंगलवार को 70.50 मीटर रहा। इस प्रकार नदी खतरा निशान से 1.18 मीटर नीचे बह रही थी।
कई दिनों से जलस्तर में कमी के बाद भी 70वें दिन तीन बैराजों गिरिजा बैराज, शारदा बैराज व सरयू बैराज से फिर 1,22,199 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद भी बाढ़ का खतरा समाप्त होने की उम्मीद है। कारण कि क्षेत्र के लोगों का मानना है कि कई दिनों तक तीन लाख क्यूसेक से कम पानी छोड़ने पर जलस्तर में वृद्धि नहीं होती। इस प्रकार अब तक नदी में कुल 2,10,01,670 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। बीच में 18वें दिन 25 जुलाई, 55वें दिन एक सितंबर और 66वें दिन 12 सितंबर को पानी नहीं छोड़ा गया था।
रिपोर्ट-सुबास लाल

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