आजमगढ (सृष्टिमीडिया)। अपनी ही नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आरोपी पिता को दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला पाक्सो कोर्ट नंबर एक शैलजा राठी ने शुक्रवार को दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार बिलरियागंज थाना क्षेत्र के एक गांव में एक व्यक्ति ने दो शादियां की थी। पहली पत्नी से छह बच्चे तथा दूसरी पत्नी से सात बच्चे हैं। वह अपनी दूसरी पत्नी की 12 वर्षीय पुत्री को एक दिन बाजार घुमाने ले गया और घुमाने के बाद घर ले आकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने जब अपनी मां को पूरी बात बताई, तब पीड़िता की मां ने 30 अप्रैल 2016 को बिलरियागंज थाना में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद 20 मई 2016 को मुकदमे में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दिया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता दौलत यादव तथा रामनाथ प्रजापति ने छह गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पिता को 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जुर्माना न जमा करने पर दो महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
रिपोर्ट-सुबास लाल