आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। राहुल सांकृत्यायन स्मृति केंद्र आजमगढ़ के तत्वाधान में गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी महापंडित राहुल सांकृत्यायन की 131 वां जन्मदिवस हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। प्रातः कालीन कलेक्ट्रेट स्थित महा पंडित राहुल सांकृत्यायन की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया जिसमें संस्था अध्यक्ष प्रभु नारायण पांडे प्रेमी उपाध्यक्ष संजय कुमार पांडे गुड्डू तिवारी सुभाष चंद तिवारी कुंदन शशि राय आदि ने माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। कार्यक्रम की द्वितीय चरण में प्रसिद्ध साहित्यकार जगदीश प्रसाद बरनवाल कुंद के पुस्तकालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश प्रसाद वरनवाल कुंद नेकी जिस का संचालन संस्था के अध्यक्ष प्रेम नारायण पांडे प्रेम ने किया। सर्वप्रथम महापंडित राहुल सांकृत्यायन के चित्र पर माल्यार्पण किया गया उपाध्यक्ष संजय कुमार पांडे ने स्वागत करते हुए कहा कि राहुल जी सदा सत्य की खोज में रहे। मुख्य वक्ता के रूप में दुर्गा जी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चंदेश्वर हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉक्टर प्रवेश कुमार सिंह ने कहा कि राहुल जी 36 भाषाओं के ज्ञाता थे और उन्होंने घुमक्कड़ शास्त्र भी लिखा है सैर कर दुनिया की गाफिल जिंदगानी फिर कहां जिंदगानी गर रही तो नव जवानी फिर कहा। अपने अध्यक्षीय भाषण में बताया कि महापंडित राहुल सांकृत्यायन बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे चाहे हिंदी साहित्य की समस्त विधाओं कहानी उपन्यास नाटक कविता आलोचना समीक्षा संपादन आदि मे पारंगत से इसके साथ ही राजनीति समाजशास्त्र इतिहास भूगोल भूगोल दर्शन आदि जीवन की जितनी भी प्रक्रियाएं हैं सभी में एक एकआधिपत्य था। इस मौके पर डॉ प्रवेश कुमार सिंह को अंगवस्त्रम बुके देकर के सम्मानित किया गया। इस मौके पर सुभाष चंद्र तिवारी कुंदन, शशि राय, पंकज यादव, सुंदर, प्रोफेसर मदन मोहन पांडे, शंभू नाथ मिश्रा आदि लोग उपस्थित रहे।
इसी क्रम में बाबू केदारनाथ स्मारक जन सेवा संस्थान द्वारा संचालित भगत सिंह खेल एकेडमी निजामाबाद के प्रांगण में महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन की जयंती मनायी गयी। राहुल की जन्म भूमि पन्दहा पहुंच माल्यार्पण कर जयंती मनायी गयी। तत्पश्चात राहुल जी द्वारा हिन्दी साहित्या में दिये गये योगदान पर चर्चा हुई।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार