एमपी/एमएलए कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश दुर्गेश कुमार ने गैंगस्टर मामले में सुनाया फैसला
गाजीपुर (सृष्टि मीडिया)। जिले के एमपी/एमएलए कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश दुर्गेश कुमार ने गैंगस्टर मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल और उसके भाई बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सजा के ऐलान के साथ ही अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता खत्म होने की नौबत आ गई है। लोकसभा सचिवालय से नोटिफिकेशन जारी होते ही संसद की सदस्यता खत्म हो जाएगी। सजा सुनते ही मुख्तार अंसारी व अफजाल के चेहरे की हवाइयां उड़ गईं। वहीं सांसद अफजाल अंसारी आवास फाटक और उसके आसपास सन्नाटा छा गया। उनके आवास के बाहर कोतवाल घनानंद त्रिपाठी एवं थानाध्यक्ष करीमुद्दीनपुर विश्वनाथ यादव के नेतृत्व में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात कर दिए गए। उनके कुछ शुभचिंतक भी यहां आए, लेकिन परिवार के किसी सदस्य के मौजूद न होने पर चले गए।
भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का मामला
सांसद अफजाल अंसारी मुहम्मदाबाद विधानसभा से पांच बार विधायक और गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद निर्वाचित हुए। लेकिन, दोनों संसदीय कार्यकाल उनके लिए शुभ नहीं रहा। अफजाल अंसारी ने पहली बार 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मनोज सिन्हा को लगभग सवा दो लाख मतों से पराजित किया। सपा ने प्रत्याशी बनाया था। इसके बाद 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या मामले में मुख्तार अंसारी के साथ अफजाल अंसारी को आरोपी बनाया गया। अफजाल अंसारी ने इस मामले में कोर्ट में समर्पण कर दिया। लगभग दो वर्ष जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आए। दूसरी बार 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के टिकट पर अफजाल अंसारी चुनाव लड़े। इसमें उन्होंने मनोज सिन्हा को करीब सवा लाख मतों से पराजित किया। बसपा सांसद के रूप में वह लोकसभा पहुंचे लेकिन दुर्भाग्य ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। संसदीय कार्यकाल के अंतिम वर्ष में उन्हें गैंगस्टर के मुकदमे में शनिवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई और दूसरी बार भी जेल चले गए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम में चेहरे पर दिखी उदासी
गाजीपुर जनपद न्यायालय जाने वाले मार्ग पर सुबह से ही पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी थी। सुबह 9.30 बजे प्रभारी निरीक्षकों ने वहां मोर्चा संभाल लिया था। सुबह 10 बजे से अधिवक्ताओं के आने क्रम शुरू हो गया था। सुबह 10.45 बजे सांसद अफजाल अंसारी एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंच गए थे। कुछ देर बाद उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम में ले जाया गया। दोपहर तीन बजे न्यायालय ने अफजाल अंसारी को दोषी करार दिया और उन्हें अभिरक्षा में ले लिया गया। इस दौरान चेहरे पर उदासी साफ झलक रही थी।
एमपी-एमएलए कोर्ट के बहर तैनात रही फ़ोर्स
दोपहर 12.45 बजे एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश दुर्गेश ने मुख्तार अंसारी के मामले में फैसला सुनाया। इस दौरान बांदा जेल से मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित थे। दोपहर 1.30 बजे लंच हो गया। इधर, पुलिस बैरिकेडिंग से लेकर कोर्ट रूम तक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मुस्तैद थी। दोपहर तीन बजे कड़ी सुरक्षा के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम से सांसद अफजाल अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट लाया गया। इस दौरान न्यायालय कक्ष में मौजूद अधिवक्ताओं को हटा दिया गया। इसके बाद न्यायाधीश ने अफजाल अंसारी को गिरोह बंद अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया और उन्हें अभिरक्षा में ले लिया गया। सजा का वारंट बनने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें जिला कारागार भेज दिया गया। इधर, न्यायालय परिसर से पुलिस का वाहन निकलते ही समर्थक सांसद की एक झलक पाने के लिए परेशान दिखाई दिए।